प्रयागराज में मकान किराये पर देने की कानूनी और व्यावहारिक प्रक्रिया 2025
प्रयागराज में मकान किराये पर देने की कानूनी और व्यावहारिक प्रक्रिया 2025
प्रयागराज में प्रॉपर्टी रेंट पर देना आजकल एक सामान्य और लाभदायक विकल्प बन गया है। चाहे आपके पास फ्लैट हो, स्वतंत्र मकान या कोई कमर्शियल स्पेस — किराये पर देना आय का एक स्थिर स्रोत बन सकता है। लेकिन इसके साथ कानूनी और व्यावहारिक जिम्मेदारियाँ भी जुड़ी होती हैं। आइए जानते हैं, प्रयागराज में मकान किराये पर देने की पूरी प्रक्रिया 2025।
1️⃣ किरायेदार चुनने से पहले जांच-पड़ताल करें
किरायेदार चुनते समय केवल मौखिक भरोसे पर न जाएं। किरायेदार का पुलिस वेरिफिकेशन करवाना जरूरी है। इसके लिए निकटतम थाने में फॉर्म भरकर किरायेदार की जानकारी जमा करें। यह प्रक्रिया कानूनी सुरक्षा प्रदान करती है और भविष्य में विवादों से बचाती है।
2️⃣ किरायानामा (Rent Agreement) बनवाना जरूरी है
हर किराये के लेन-देन को रेंट एग्रीमेंट के माध्यम से लिखित रूप में किया जाना चाहिए। इसमें किराया राशि, अवधि, जमा राशि, रखरखाव और बिजली-पानी बिल जैसे सभी शर्तें स्पष्ट लिखी होनी चाहिए। प्रयागराज में 11 महीने का एग्रीमेंट आमतौर पर बनाया जाता है।
3️⃣ रजिस्ट्री या नोटरी से एग्रीमेंट की वैधता
आपके रेंट एग्रीमेंट को नोटरी अथवा रजिस्ट्री के माध्यम से वैध बनवाना आवश्यक है। इससे वह दस्तावेज कानूनी रूप से मान्य हो जाता है और किसी भी विवाद में साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है।
4️⃣ किराया प्राप्त करने की रसीद दें
हर माह किराया मिलने पर एक किराया रसीद (Rent Receipt) अवश्य दें। इससे न केवल आपके रिकॉर्ड सुरक्षित रहते हैं, बल्कि किरायेदार के साथ पारदर्शिता भी बनी रहती है।
5️⃣ संपत्ति की देखभाल और निरीक्षण
मकान किराये पर देने के बाद भी मालिक को समय-समय पर संपत्ति का निरीक्षण करते रहना चाहिए। इससे आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि किरायेदार संपत्ति का सही उपयोग कर रहा है या नहीं।
6️⃣ टैक्स और रिपोर्टिंग
किराये से प्राप्त आय को Income from House Property के रूप में टैक्स में दिखाना जरूरी होता है। अगर किराया ₹2.40 लाख प्रतिवर्ष से अधिक है तो किरायेदार को PAN डिटेल देना आवश्यक है।
7️⃣ मकान वापस लेने की प्रक्रिया
अगर किसी कारणवश आपको मकान खाली करवाना हो, तो रेंट एग्रीमेंट में दी गई शर्तों के अनुसार नोटिस अवधि देकर ही कार्रवाई करें। बिना नोटिस के जबरन मकान खाली करवाना कानूनी उल्लंघन माना जाता है।
निष्कर्ष
किराये पर मकान देना तभी लाभदायक है जब आप कानूनी और व्यावहारिक प्रक्रियाओं का पालन करें। प्रयागराज में बढ़ते रेंटल बाजार को देखते हुए, सुरक्षित और दस्तावेज़ आधारित तरीका ही सबसे बेहतर है। इससे मालिक और किरायेदार दोनों के अधिकार सुरक्षित रहते हैं।
नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी विशेष कानूनी स्थिति में स्थानीय अधिवक्ता या विशेषज्ञ से परामर्श लेना उचित रहेगा।
लेखक: Vinay Ji | Prayagraj Property Services
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